
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में दो साल बाद किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हुआ। महाराष्ट्र से 26 वर्षों के बाद तीन साल पहले घर लौटे ट्रक ड्राइवर ने बेटे को किडनी देकर नया जीवनदान दिया है। चंबा के भरमौर के विनोद (28) की दोनों किडनियां दो साल पहले खराब हो गई थीं। तब से उनका आईजीएमसी शिमला में डायलेसिस चल रहा था। विनोद की मां कमलेश दो साल से किराये पर कमरा लेकर आईजीएमसी में बेटे का उपचार करवा रही हैं। वह डीसी ऑफिस चंबा चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी हैं। बीच-बीच में छुट्टियां लेकर शिमला आ रही हैं, लेकिन उनके पति ही दो साल से बेटे की देखभाल कर रहे हैं। बेटे के लिए कोई भी किडनी दान करने वाला नहीं मिला तो खुद किडनी देने के लिए तैयार हो गईं, लेकिन किडनी की मैचिंग नहीं हो पाई। बाद में विनोद के पिता शंकर ने बेटे के लिए किडनी देने की पेशकश की।
दिल्ली के एम्स अस्पताल से विशेषज्ञों की टीम शिमला पहुंची थी। इस टीम में शामिल आईजीएमसी के डॉक्टरों के साथ इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इससे पहले दोनों युवाओं का डायलिसिस किया जा रहा था। वहीं आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने बताया कि इससे पहले 2019 में दो किडनी ट्रांसप्लांट किए गए थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते 2 सालों तक अस्पताल में कोई भी इस तरह का ऑपरेशन नहीं किया गया था। अब एक बार फिर से शुरू हुए किडनी ट्रांसप्लांट में 2 युवाओं का सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट का कार्य किया गया है। ट्रांसप्लांट के बाद अभी दोनों युवकों की स्थिति ठीक है।