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पार्टी नेता का शव लेकर ममता बनर्जी के घर के बाहर प्रदर्शन

पार्टी नेता का शव लेकर ममता बनर्जी के घर के बाहर प्रदर्शन

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। गुरुवार को सीएम के साउथ कोलकाता के कालीघाट के पास स्थित आवास के बाहर बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता अपने एक मृत नेता का शव लेकर पहुंचे थे। भाजपा नेताओं का आरोप था कि मई के महीने में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें पीटा था और इस दौरान उन्हें गहरी चोट लगी थी, जिसके बाद अब उनकी मौत हो गई है। प्रदर्शनकारी भाजपा नेता, टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। बंगाल भाजपा के नए अध्यक्ष सुकांता मजूमदार के अलावा इस प्रदर्शन में कई पार्टी नेता मौजूद थे। इसके अलावा भवानीपुर उप-चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल भी इस प्रदर्शन में शामिल थीं। बताया जा रहा है कि जब पुलिस ने इन नेताओं को सीएम के घर की तरफ जाने से रोका तब उन्होंने गोपाल नगर के पास सड़क जाम कर दिया। पश्चिम बंगाल भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मानस साहा ने मार्च-अप्रैल में हुए चुनाव में माराघाट वेस्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गये थे। 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें प्रताड़ित किया था। भट्टाचार्य ने कहा कि मानस साहा की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल में उनका कई महीनों से इलाज चल रहा था। भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि मानस साहा की मौत के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में मरने वाले भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या अब 52 हो गई है। प्रदर्शन के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को संतुष्ट करने के लिए पुलिस हमें जबरन वहां से हटा रही है। डेड बॉडी के साथ प्रदर्शन से पहले साहा के मृत शरीर को यहां भाजपा कार्यालय लाया गया था। यहां केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मौत की जांच होनी चाहिए। मैने पुलिस से कहा था पर पुलिस ने प्रताड़ना की शिकायत दर्ज नहीं की।' इस प्रदर्शन को लेकर डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस (साउथ), आकाश मगहरिया ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्हें मुख्य रास्ते को गैरकानूनी तरीके से ब्लॉक कर दिया था। अभी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की तरफ से इसपर प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। 

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