
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक अशोक होटल को बेचने की पूरी योजना बना ली है। सरकार अपने महत्वाकांक्षी एसैट मोनोटाइजेशन प्रोग्राम के तहत इस होटल को 60 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर निजी सेक्टर को देने की योजना पर काम कर रही है। इसके साथ ही सरकार एक और होटल या सर्विस्ड अपार्टमेंट और दूसरे विकास कार्यों के लिए 21.5 एकड़ के कॉम्प्लेक्स में लैंड पार्सल भी देगी। जानकारी के मुताबिक जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। 90 साल के लंबे लाइसेंस टर्म पर 2 लैंड पार्सल का भी ऑफर सरकार ने दिया है। हालांकि सरकार इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की कोशिश कर रही है लेकिन चालू वित्त वर्ष में लेनदेन फाइनल होने की संभावना कम है। लैंड पार्सल में 6.3 एकड़ का एक भूखंड (प्लाट) शामिल है, जिसे अतिरिक्त भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका उपयोग सर्विस्ड अपार्टमेंट या होटल के विकास के लिए किया जा सकता है। इसका निर्माण ब्रिटिश उच्चायोग के सामने की तरफ प्रस्तावित है। एक और 1.8-एकड़ का प्लाट कॉमर्शियल डिवैलपमेंट के लिए होगा। अशोका होटल की नीलामी की बोली जीतने वाला होटल में कई बदलाव कर सकता है लेकिन होटल को बाहर से बदलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। होटल में कैसी सेवाएं दी जाएं, यह भी नीलामी जीतने वाला पक्ष तय कर सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनआईपी) की घोषणा की थी। इसके तहत भारतीय पर्यटन विकास निगम के ‘द अशोक’ और उसके समीप होटल सम्राट समेत आठ संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने (पट्टे पर देना या किराये पर चढ़ाना) की योजना है।