
नई दिल्ली । बसों में मुफ्त सफर योजना का लाभ मिलने से महिलाओं की यात्रा आसान हो गई है। अब उसे कहीं आने जाने में सोचना नहीं पड़ रहा है। वहीं योजना के शुरू होने बाद से अबतक दिल्ली सरकार की ओर से इस पर 484.15 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लॉकडाउन के बाद भी बसों में भले ही कुल यात्रियों की संख्या में कमी आई पर महिला यात्रियों की संख्या में बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा है। वर्तमान में दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर को मिलाकर कुल 6900 बसें चल रही हैं। इसमें कुल यात्रियों में महिलाओं की संख्या 40 फीसदी से अधिक है। दिल्ली सरकार ने अक्तूबर 2019 में महिलाओं के लिए बस में मुफ्त सफर की सुविधा शुरू की थी। उस समय बसों में सफर करने वाले महिलाओं की संख्या 33 फीसदी थी। वहीं 2021 में हर महीने बस में सफर करनेवाली महिलाओं की संख्या अब 20 लाख से ज्यादा है। वर्ष 2021 में बसों में सफर करने वाली महिला यात्रियों की संख्या 25 करोड़ से अधिक है। महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से डीटीसी और क्लस्टर बस में महिला मार्शल की तैनाती के लिए 35.27 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती है। इसमें 13.67 करोड़ डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिला मार्शल पर 21.70 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में महिला यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने अब महिला चालकों की भर्ती के लिए कोशिश तेज कर दी है। यही वजह है कि परिवहन विभाग ने डीटीसी में महिला चालकों की भर्ती के लिए दो बड़ी राहतें दी हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार के अवसर देना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए जरूरी है कि महिलाओं को बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मिले। हमने मुफ्त सफर की सुविधा दी, जिससे वह एक जगह से दूसरी जगह जा सकें। अब डीटीसी बसों में महिला चालकों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा।