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 कोरोना में बीमा कंपनियों पर पड़ा क्लेम्स का बोझ   - महंगा हो सकता है स्वास्थ्य बीमा

 कोरोना में बीमा कंपनियों पर पड़ा क्लेम्स का बोझ   - महंगा हो सकता है स्वास्थ्य बीमा

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान बीमा कंपनियों पर क्लेम्स का अधिक बोझ पड़ा है। बीमा कंपनियां इस अतिरिक्त बोझ को कम करने के लिए खुदरा स्वास्थ्य उत्पादों की कीमत में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी की योजना बना रही हैं। मणिपाल सिग्ना प्रोहेल्थ और स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस ने अपने बीमा उत्पादों की कीमतों में क्रमश: 14 और 15 फीसदी की वृद्धि की है।
 मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक प्रसून सिकदर के अनुसार, कोरोना महामारी के कारण उपचार संबंधी प्रोटोकॉल में कई बदलाव आए हैं जिससे क्लेम्स महंगे हुए हैं। इसके मद्देनजर कंपनी ने तीन साल में पहली बार बीमा की कीमतें बढ़ाई हैं। वहीं, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक आनंद रॉय ने कहा है कि फिलहाल प्रमुख उत्पादों की कीमत बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अन्य उत्पादों पर मंथन किया जा रहा है और अगर जरुरत महसूस हुई तो उनकी भी कीमत बढ़ाई जाएगी। बता दें कि जानकारों का मानना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में कोविड-19 संबंधी दावों की संख्या में वृद्धि होगी।
 मोतीलाल ओसवाल ने रेटिंग एजेंसी इक्रा के हवाले से लिखा है कि जहां 2020-21 में यह कुल स्वास्थ्य दावों का 6 फीसदी था वहीं, 2021-22 में यह बढ़कर 11-12 फीसदी हो सकता है। एशियाई देशों में भारत ने 2021 में 14 फीसदी की सर्वाधिक स्वास्थ्य महंगाई दर देखी। भारत के बाद 12 फीसदी के चीन दूसरे नंबर पर व इंडोनेशिया और वियतनाम 10 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर रहे। फिलीपीन्स में स्वास्थ्य महंगाई दर 9 फीसदी दर्ज की गई। यदि आप कम आयु वर्ग में हैं तो आपके पास अपेक्षाकृत अधिक विकल्प हैं। आप विभिन्न बीमा कंपनियों के प्लान की तुलना कर सकते हैं और उसे चुन सकते हैं जो सबसे कम प्रीमियम में आपको इंश्योरेंस दें। 
बशर्ते आपको मिलने वाले बेनेफिट्स में वह कोई कमी न करे। ऐसे बीमा देखें जो लोकप्रिय हों और उनके प्रीमियम में 60-70 फीसदी से अधिक वृद्धि न हुई हो। बता दें कि बढ़ती महंगाई और कोविड-19 संबंधी क्लेम्स के कारण जारी वित्त वर्ष में स्वास्थ्य बीमा महंगा होने का अनुमान है। कई कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं और कई कंपनियां आने वाले समय में खुदरा बीमा महंगा करने की योजना बना रही हैं। 
 

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