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हिंसा में 8 लोगों की मौत नेताओं के घर आग के हवाले; 5 पॉइंट्स में समझें हाल

हिंसा में 8 लोगों की मौत नेताओं के घर आग के हवाले; 5 पॉइंट्स में समझें हाल

नई दिल्ली । श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। खबर है कि राजपक्षे को गिरफ्तार करने की मांग उठ रही है। पूर्व पीएम पर हिंसा भड़काने के आरोप हैं, जिसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को थल सेना, वायुसेना और नौसेना कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति को लूटने या आम लोगों को चोट पहुंचाने वाले किसी भी दंगाई को गोली मारने का आदेश दिया। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा लोगों से 'हिंसा और बदले की भावना वाले कृत्य' रोकने की अपील के बाद मंत्रालय का यह आदेश सामने आया है। - महिंदा राजपक्षे के समर्थकों और सरकार के विरोधियों के बीच झड़प हुई। श्रीलंका सरकार ने देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं, राजधानी कोलंबो में जवानों की तैनाती की गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को लोगों से हिंसा और बदले की कार्रवाई रोकने की अपील की। साथ ही उन्होंने नागरिकों से राजनीतिक और आर्थिक संकट को सुलझाने की कसम खाई। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने उनके पैतृक आवास में लगा लगा दी। इतना ही नहीं, आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी आवास में भी घुसने और इसे नुकसान पहुंचाने की भरपूर कोशिशें कीं। यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सरकारी आवास के मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की जिसके बाद हथियारों से लैस सैनिकों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए श्री राजपक्षे और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। श्रीलंका में जारी जन आक्रोश के कारण लगाये गये देशव्यापी कर्फ्यू के बाद मंगलवार को कोलंबो स्टॉक बाजार को बंद कर दिया गया। स्टॉक बाजार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें यह सूचना दी गयी कि सेंट्रल बैंक का रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट सस्टिम मंगलवार को काम नहीं करेगा। इसके कारण स्टॉक बाजार में केंद्रीय जमा तंत्र फंड के सेटलमेंट और प्रतिभूतियों के सेटलमेंट का काम भी नहीं हो पायेगा। प्रदर्शनकारियों ने 'टेंपल ट्री' निवास में घुसने के बाद, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अपने परिवार के साथ छिपे हुए थे, वहां हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा हवा में गोलियां चलाईं। पूर्व प्रधानमंत्री के आवासीय परिसर में कम से कम दस पेट्रोल बम फेंका गया, हालांकि सेना ने उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। फिलहाल, श्री राजपक्षे अपने परिवार सहित एक गुप्त स्थान हैं। श्रीलंका में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति राजपक्षे की प्रमुख ज्योतिष के यहां अनुराधापुरा स्थित लक्ज़री होटल को भी आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं से जुड़ी कई अन्य संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, एमबलानगोडा के मेयर के दो होटल और एक भोजनालय पर भी हमला किया गया। समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद मोहम्मद आजम खान को शत्रु संपत्ति के मामले में जमानत दे दी। कोर्ट ने जिलाअधिकारी जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूद शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेकर दीवार और कंटीले तारों से घेरने को कहा है। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने कहा है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद रामपुर डीएम के संतुष्ट होने पर अंतरिम जमानत को रेग्युलर बेल में बदला जा सकता है। शत्रु संपत्ति केस में राहत के बावजूद आजम खान के जेल से बाहर आने पर सस्पेंस बरकरार है, लेकिन यदि वह जेल से बाहर भी आते हैं तो देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। हाई कोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट जमा कराने को कहा है। गौरतलब है कि विवादित जमान इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी की थी, जो लखनऊ के निवासी थे और देश के विभाजन के बाद भारतीय नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। 1950 में बने इवेक्यूइ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत राज्य को इस जमीन का कस्टोडियन बनाया गया। 13.842 एकड़ की यह विवादित भूमि रामपुर जिले की तहसील सदर स्थित सिंघन खेड़ा गांव में है।  आजम खान की ओर से पेश हुए वकील इमरान उल्लाह ने दलील दी कि विवादित जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया गया है। यह खाली पड़ा हुआ था और यूनिवर्सिटी की जमीन से घिरा हुआ था। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर किन परिस्थितियों में इस जमीन को यूनिवर्सिटी कैंपस में घेर लिया गया। इमरान उल्लाह ने कहा कि इससे जुड़ी जमीनों को यूनिवर्सिटी/ट्रस्ट की ओर से खरीद लिया गया था और इसलिए जमीन पर अधिकार के बिना भी इसे घेर लिया गया था। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा, ''जमानत किसी भी आरोपी का अधिकार है और जेल अपवाद है, इसलिए मानवीय आधार पर यह कोर्ट आवदेक के गिरते स्वास्थ्य, अधिक उम्र और जेल में बिताए समय को ध्यान में रखकर जमानत दे रहा है और कुछ शर्तें लगा रहा है।'' कोर्ट ने आजम खान को पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है और ट्रायल के दौरान बेवजह स्थगन की मांग ना करने को कहा है। 
 

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