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अर्थशास्त्रियों के सर्वें में खुलासा, आरबीआई जल्‍द रेपो रेट बढ़ा सकता  कोविड-19 के पूर्व स्‍तर तक ले जाना चाहता 

अर्थशास्त्रियों के सर्वें में खुलासा, आरबीआई जल्‍द रेपो रेट बढ़ा सकता  कोविड-19 के पूर्व स्‍तर तक ले जाना चाहता 

मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) पिछले दो साल तक सस्‍ते कर्ज का तोहफा देने के बाद ताबड़तोड़ रेट बढ़ाने के मूड में दिख रहा है। सर्वे में कहा गया है कि आरबीआई साल 2022 में अनुमान से भी ज्‍यादा तेजी से रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गत 4 मई को चौंकाने वाली घोषणा कर रेपो रेट में अचानक 0.40 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि इस साल और भी ऐसी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, क्‍योंकि आरबीआई जल्‍द रेपो रेट को कोविड पूर्व स्‍तर तक ले जाना चाहता है। इसकी सबसे बड़ी वजह बेतहाशा बढ़ती महंगाई है, जो अप्रैल में 7.79 फीसदी पहुंच गई है। 
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक अगले सप्‍ताह 6 जून से शुरू हो रही है। वहीं 8 जून को इसके फैसले सामने आएंगे तब रेपो रेट में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि केंद्रीय बैंक अगली चार एमपीसी बैठक के दौरान रेपो रेट में 1 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। फिलहाल रेपो रेट 4.40 फीसदी है। 8 जून को इसमें 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी और की जा सकती है। 
अगली तिमाही तक रेपो रेट महामारी पूर्व लेवल पर पहुंच सकता है, जो 5.15 फीसदी रहने का अनुमान है। 2022 खत्‍म होते-होते रेपो रेट के 5.50 फीसदी पहुंचने का भी दावा किया जा रहा, जो मौजूदा लेवल से 1.10 फीसदी ज्‍यादा है। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि रेपो रेट साल के आखिर तक इस लेवल को भी पार कर जाएगा। अर्थशास्त्री का कहना है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला इस महीने शुरू होकर अगले साल अप्रैल तक जाएगा। हाल में जारी जीडीपी के आंकड़ों से भी रेपो रेट में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। एनएसओ ने 2021-22 में 8.7 फीसदी विकास दर बताई है, जो अनुमान से भी ज्‍यादा है। इसके बाद सुधारों को और गति देने के लिए आरबीआई महंगाई पर काबू पाने को रेपो रेट जरूर बढ़ाएगा। 
अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि रेपो रेट का हाई लेवल 6 फीसदी से ज्‍यादा पहुंच सकता है। हालांकि, अन्‍य इकोनॉमिस्‍ट ने इसके 5.15 फीसदी से 6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। सर्वे में शामिल एक तिहाई अर्थशास्त्रियों ने 2023 की दूसरी तिमाही तक रेपो रेट के पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया है, जबकि 6 लोगों का कहना है क‍ि इसमें 2023 की पहली छमाही तक का समय लग सकता है। महज चार अर्थशास्त्रियों ने इसके 2024 तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
 

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