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गर्म पानी के प्राकृतिक स्रोत में नहाने से मिलती है बीमारियों में राहत -एक शोध में भी साबित हुआ है दावा

गर्म पानी के प्राकृतिक स्रोत में नहाने से मिलती है बीमारियों में राहत  -एक शोध में भी साबित हुआ है दावा

एक शोध में यह साबित हुआ है कि गर्म पानी प्राकृतिक स्रोत में स्नान कई बीमारियों में राहत पहुंचाता है। आठ हफ्तों तक बार-बार गर्म पानी के सोते में स्नान करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कई पुराने दर्द में भी आराम मिलता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ हाईपरटेंशन ने मध्यम उम्र के 1600 लोगों पर अध्ययन किया। इनका रक्तचाप सामान्य था। इन्होंने तकरीबन 25 साल तक सॉना यानी गर्म पानी के प्राकृतिक सोते में स्नान किया था। शोध में कहा गया कि हफ्ते में दो से तीन बार सॉना में जाने वाले लोगों में हाईपरटेंशन होने की आशंका 24 फीसदी तक कम थी। इसी तरह चार से सात बार सॉना जाने वालों में इस बीमारी की 46 फीसदी आशंका कम थी। इसके अलावा 2016 में हुआ एक शोध भी यही  बताता है कि गर्म पानी के स्नान से स्वस्थ युवाओं की धमनियां अधिक लचीली देखने को मिलीं। इसके अलावा फिनलैंड में शोध में सॉना और डिमेंशिया में संधंब देखने को मिला। शोधकर्ताओं का दावा था कि प्राकृतिक गर्म पानी के सोते में स्नान करने वालों में डिमेंशिया होने की आशंका भी कम थी। यह शोध 2300 स्वस्थ पुरुषों पर किया गया, जिन्होंने छह साल तक हर हफ्ते सॉना लिया था। तीन बार पीठ की सर्जरी करवा चुके डॉन बेनेडिक्ट को प्रकृतिक सोते में स्नान के बाद रोजाना 14 बार भारी-भरकम दर्द निवारक दवाओं से भी राहत मिली। बेनेडिक्ट रोजाना पांच मील दौड़ते थे और हैंडबॉल खेलते थे। उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। सॉना से उन्हें न सिर्फ दर्द में राहत मिली, बल्कि उनका ब्लड प्रेशर भी कम हो गया। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि गर्म पानी का स्नान या सॉना हर समय उपयोगी नहीं होता है। चोट लगने के 48 घंटे बाद गर्म सेंक अच्छी रहती है।  

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