
आईटीसी के स्टेशनरी (लेखन सामग्री) सेक्टर में दिसंबर से आरंभ होने वाले सत्र में कारोबार में दस फीसदी से अधिक की दर से वृद्धि की उम्मीद है। अभी छह माह से आर्थिक नरमी और कुछ अन्य कारणों से यह कारोबार की गति मद्धिम थी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आर्थिक सुस्ती और देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ से उसकी बिक्री प्रभावित हुई है। इस वजह से पिछले छह महीने से कंपनी के स्टेशनरी कारोबार की वृद्धि दर इकाई अंक में चल रही है। होटल, सिगरेट, रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान और कई अन्य प्रकार के कामों में लगी यह कंपनी ‘क्लासमेट’ ब्रांड नाम से सालाना 1,500 करोड़ रुपये मूल्य का स्टेशनरी कारोबार करती है। और बिक्री तेज करने के लिए नवोन्मेष पर ध्यान दे रही है। उसके सामने जुलाई-अक्टूबर की ऑफ सीजन अवधि और मौजूदा आर्थिक सुस्ती से ऊपर आने की चुनौती है। आईटीसी के शिक्षा एवं स्टेशनरी उत्पाद कारोबार विभाग के मुख्य कार्यकारी शैलेंद्र त्यागी ने कहा, ‘आम तौर पर जब स्कूल खुलते हैं तो छात्र थोक में खरीदारी करते हैं। अभी हम खरीद को टालने का रुख देख रहे हैं।’ त्यागी ने कहा, ‘पिछले छह महीने वृद्धि कई कारणों से वृद्धि दर कम हो गयी थी लेकिन लेकिन दिसंबर से इसके फिर से दहाई अंक में पहुंचने की उम्मीद है। स्टेशनरी का मौसम दिसंबर से जोर पकड़ता है (उस समय विभिन्न राज्यों में स्कूल खुलते हैं।’ कंपनी नए नए उत्पाद निकालने पर भी ध्यान दे रही है। हाल में उसने क्लासमेट प्लस 3डी नोटबुक पेश किया है।