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राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का शालीनता से ‎किया स्वागत: ‎शिवसेना ने - कहा, हिंदुस्तान ही दिखा सकता है बाबर के नाम पर 5 एकड़ जमीन खैरात देने की दिलदारी

राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का शालीनता से ‎किया स्वागत: ‎शिवसेना ने  - कहा, हिंदुस्तान ही दिखा सकता है बाबर के नाम पर 5 एकड़ जमीन खैरात देने की दिलदारी

राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का शालीनता से ‎किया स्वागत: ‎शिवसेना ने 
- कहा, हिंदुस्तान ही दिखा सकता है बाबर के नाम पर 5 एकड़ जमीन खैरात देने की दिलदारी  
 शिवसेना ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उन्होंने अत्यंत शालीनता से अयोध्या मामले में निर्णय का स्वागत किया।  वहीं  के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला गया है। शिवसेना ने कहा है कि बाबर के नाम पर 5 एकड़ जमीन खैरात देने की दिलदारी सिर्फ हिंदुस्तान ही दिखा सकता है। ओवैसी के तथाकथित सत्य का मकबरा अफगानिस्तान में पड़ा है। शिवसेना ने कहा ‎कि प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में होने को लेकर जारी विवाद पर ऐतिहासिक फैसला आ गया है। प्रभु श्रीराम अयोध्या में ही जन्मे थे। वे ही अयोध्या के स्वामी हैं और जहां उनका जन्म हुआ उस जगह पर राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। ऐसा निर्णय देश की सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। पांडवों ने कौरवों पर जीत हासिल की वैसी ही यह जीत है। अयोध्या में राम मंदिर बने इसके लिए जिन सैकड़ों रामभक्तों और कारसेवकों ने अपना बलिदान दिया, यह उनके संघर्ष की जीत है। पूरे देश की निगाहें फैसले पर टिकी थीं। सर्वोच्च न्यायालय की विशेष खंडपीठ अयोध्या विवाद के लिए स्थापित की गई थी। उसने बीते कई महीनों तक इस प्रकरण से संबंधित सभी पक्षकारों का पक्ष प्रतिदिन सुना और अंतत: निर्णय दिया है कि अयोध्या में विवादित जमीन हिंदुओं की ही है।
अयोध्या का निर्णय देश की सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। उस निर्णय का सम्मान करेंगे, ऐसा राहुल गांधी ने कहा है। ऐसा सामंजस्य ओवैसी जैसे नेता को दिखाने में कोई हर्ज नहीं था। शिवसेना ने ओवैसी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि हमलावर बाबर के नाम पर पांच एकड़ जमीन की खैरात देने की दिलदारी सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान ही दिखा सकता है। बता दें कि अयोध्या विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने विवादित जमीन रामलला विराजमन को देने की बात कही थी। साथ ही फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा था। दरअसल सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।


 

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