
वित्तीय अनियमितताओं में मुंबई मनपा के ठेकेदारों के 44 ठिकानों पर आईटी के छापे
- 735 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा
- मुंबई मनपा पर शिवसेना की है सत्ता
आयकर विभाग ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के ठेकेदारों पर बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि बीएमसी के लिए काम कर रहे सिविल ठेकेदारों ने 735 करोड़ रुपए की कथित अनियमितताएं की हैं. इस राशि को बीएमसी ठेकेदारों ने बोगस एंट्री दिखाकर खर्च किए. आयकर विभाग द्वारा मुंबई और सूरत में 6 नवंबर को एंट्री प्रोवाइडरों और लाभार्थियों के 44 ठिकानों पर खोज और सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया था, जो मुख्य रूप से बीएमसी में सिविल अनुबंधों के काम करने में लगे हैं. सूत्रों का कहना है कि मुंबई के विले पार्ले स्थित दो ठेकेदारों के ऑफिस और घरों में छापेमारी हुई. कॉन्ट्रैक्टर ग्रुप के केस में एंट्री ऑपरेटरों से फर्जी खरीदारी/सब कॉन्ट्रैक्ट और लोन लेकर खर्चे बढ़ाकर दिखाने के कई मामलों की पुष्टि हुई है. विभाग ने कहा कि छापे के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से पता चलता है कि, बड़े पैमाने पर कर चोरी और धन शोधन किया गया है. सूत्रों ने कहा कि कुछ बीएमसी अधिकारियों के परिसर में भी आई-टी के लोगों ने सर्वेक्षण किया. आयकर विभाग ने एक बयान में कहा, ‘एंट्री प्रदाताओं और लाभार्थियों पर छापे मारे गए, जो मुख्य रूप से बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में सिविल कॉन्ट्रैक्ट्स के तौर काम करते हैं.’ ऐसी खबर थीं कि कुछ ठेकेदारों ने एंट्री प्रोवाइडर से ऋण आदि के रूप में एंट्री ली थी और आय को कम दिखाने के लिए खातों के पासबुक में खर्च भी बढ़ा हुआ दर्शाया था. अब तक 735 करोड़ रुपये की अनियमितता का पता चला है और आवास प्रविष्टियों की मात्रा निर्धारित की जा रही है. साथ ही बड़े पैमाने पर कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सबूत पाए गए हैं’. आयकर विभाग ने एक ऐसे ठेकेदार का पता लगाया है जो रोड स्कैम में शामिल था. एक नगरसेवक के अनुसार इन ठेकेदारों का राजनीतिक दलों में दबदबा रहता था. आयकर विभाग ने ठेकेदारों के 37 परिसरों की भी तलाशी ली और रिपोर्ट के आधार पर 7 परिसरों का सर्वे किया. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ ठेकेदारों ने एंट्री ऑपरेटरों से लोन के तहत एंट्री ली थी और अकाउंट बुक में अपनी आय दबाने के लिए खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में वर्तमान सियासी संकट को देखते हुए यह छापेमारी काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है क्योंकि बीएमसी में शिवसेना का कब्जा है. 227 सदस्यीय सदन में शिवसेना के 94 नगरसेवक हैं जबकि बीजेपी के 82 नगरसेवक हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए मचे घमासान के बीच शिवसेना ने बीजेपी से अपनी दोस्ती तोड़ ली है.