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गले और नाक में संक्रमण के मामले 20 फीसदी बढ़े

गले और नाक में संक्रमण के मामले 20 फीसदी बढ़े

गले और नाक में संक्रमण के मामले 20 फीसदी बढ़े 
 मौसम में बदलाव और प्रदूषण में इजाफा होने के कारण गले में खराश, जुकाम-खांसी, बदन दर्द और बुखार के मामले 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ. प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि सुबह और शाम प्रदूषण और दिन व रात के तापमान में अंतर की वजह से ज्यादा लोगों को इस तरह की परेशानी हो रही है। इस कारण गले में खराश, जुकाम-खांसी और बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। डॉ. प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि सुबह और शाम को ठंड बढ़ जाती है तो पीएम 2.5 और इससे छोटे माइक्रोन के आकार के प्रदूषण कण जमीन की सतह के आसपास ही रहते हैं। ये कण इतने छोटे होते हैं कि हमारे शरीर की सांस नली के जरिए खून में घुल जाते हैं। इससे प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से दमे के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और अन्य लोगों को गले में खराश होती है। इसके साथ ही बुखार भी हो सकता है।

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