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महाराष्ट्र में फंसा सरकार गठन

महाराष्ट्र में फंसा सरकार गठन

महाराष्ट्र में फंसा सरकार गठन
बैकफुट पर शिवसेना, राउत बोले- हमारी जिम्मेदारी नहीं थी सरकार बनाना
 महाराष्ट्र में अब तक सरकार गठन के लिए दम भर रही शिवसेना अचानक बैकफुट पर आ गई है। सोनिया गांधी से मिलने के बाद शरद पवार ने सरकार गठन को लेकर कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उनसे मिलने पहुंचे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के भी मुलाकात के बाद तेवर बदले नजर आए। अब तक सरकार बनाने का दावा कर रहे राउत ने कहा, सरकार बनाने की जिम्मेदारी शिवसेना की नहीं थी। यह जिनकी जिम्मेदारी थी, वे भाग निकले हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि हम जल्दी ही सरकार बना लेंगे। अब तक सरकार बनाने का दावा करने वाले संजय राउत का अब जिम्मेदारी की बात कहना बताता है कि कहीं न कहीं कुछ पेच जरूर फंस गया है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने शिवसेना के साथ किसी मिनिमम कॉमन प्रोग्राम पर सहमति से ही इनकार कर दिया था। यही नहीं उन्होंने सरकार गठन को लेकर शिवसेना को किसी तरह का भरोसा दिए जाने के सवाल पर भी चुप्पी साध ली थी।
सोनिया से मुलाकात के बाद पवार ने दिया था झटका
गौरतलब है कि एक वक्त में 170 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाली शिवसेना को शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एक तरह से झटका दे दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सिर्फ कांग्रेस और एनसीपी ही इस पर फैसला नहीं ले सकते, हम अपने अन्य सहयोगियों से भी बात करेंगे। इससे पहले कहा जा रहा था कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सरकार गठन पर फैसला हो जाएगा।
अब बैकफुट पर दिखे संजय राउत
एनसीपी के टालने से साफ है कि वह अभी शिवसेना की सरकार बनाने के लिए ऐक्टिव नहीं है और कुछ अधिक वक्त चाहती है या फिर सियासत के कुछ और पत्ते खेलने के मूड में है। पवार के इन बयानों के तुरंत बाद ही शिवसेना नेता संजय राउत उनके घर पहुंचे थे। वहां से निकलने पर जिम्मेदारी की बात करने से सरकार गठन को लेकर अब उनके उत्साह पर सवाल उठ रहे हैं। 
फिर भाजपा संग आएगी शिवसेना?
महाराष्ट्र की राजनीति के चतुर खिलाड़ी कहे जाने वाले शरद पवार सरकार बनाने के लिए बैटिंग कर रही शिवसेना को अपनी गुगली से चित कर सकते हैं। एनसीपी, कांग्रेस के साथ सरकार गठन के मंसूबे पाल रही शिवसेना की चिंताएं शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद और बढ़ा दीं। कहा तो जा रहा था कि सोनिया से पवार मुलाकात के बाद सरकार का रास्ता साफ होगा, लेकिन जब वह मीटिंग से लौटे तो यह कह कर सस्पेंस गहरा कर दिया कि हमारा शिवसेना के साथ कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय नहीं हुआ है। यही नहीं शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कोई भरोसा देने की बात से भी उन्होंने इनकार किया। इसके कुछ देर बाद ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत शरद पवार के दिल्ली स्थित घर पर मुलाकात के लिए पहुंच गए। 
शिवसेना संग डबल गेम खेल रहे शरद पवार!
उनके इस बयान के बाद से अब एक बार फिर से राज्य में नए समीकरणों को लेकर चर्चा हो रही है। राजनीतिक हलकों में एनसीपी के डबल गेम की चर्चाएं होने लगीं हैं। मतलब एक तरफ शरद पवार शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने को लेकर कुछ भी स्पष्ट रूप से कहने से बच रहे हैं। दूसरी तरफ पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में एनसीपी की तारीफ किए जाने से उनके भाजपा संग जाने की भी चर्चाएं हैं।
अठावले के फार्मूले पर भी कयास
इसके अलावा एनडीए के सहयोगी आरपीआई के नेता रामदास अठावले के फॉर्मूले को लेकर भी अब यह कहा जाने लगा है कि शिवसेना एक बार फिर से बीजेपी के साथ आ सकती है। भले ही महाराष्ट्र में सरकार गठन के सवाल का जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन जो भी जवाब होगा, उसके केंद्र में शरद पवार जरूर हो सकते हैं।

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