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सिर्फ 100 लोगों को नहीं, पूरी दिल्ली को रजिस्ट्री मिलनी चाहिए : सीएम केजरीवाल 

सिर्फ 100 लोगों को नहीं, पूरी दिल्ली को रजिस्ट्री मिलनी चाहिए : सीएम केजरीवाल 

सिर्फ 100 लोगों को नहीं, पूरी दिल्ली को रजिस्ट्री मिलनी चाहिए : सीएम केजरीवाल 
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कच्ची कालोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए। उन्होंने कहा कि ;एक दो दिनों से अखबारों में जिस तरह की खबरें आ रही है, उससे पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिंचाने की तैयारी है। यह तो पूरी तरह से धोखा और दिखावा है। मेरी फिर से केंद्र सरकार से अपील है, दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। इसपर सिर्फ राजनीति न हो। सीएम ने कहा विधानसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा भी कच्ची कालोनियों में गई। जहां लोगों ने आम आदमी पार्टी के काम गिनाने शुरू कर दिए। इसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल संसद में पेश करने को मजबूर हो गई। लेकिन अब फिर से जनता के साथ धोखा करने की तैयारी है। सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर अन्य लोगों को चुनाव बाद रजिस्ट्री देने की बात हो रही है। यह काम तो कई दशकों से हो रहा है। चुनाव में रजिस्ट्री देने का वादा होता है। चुनाव बाद फिर अगले चुनाव में आने को कह दिया जाता है। सीएम ने कहा कच्ची कालोनियों में रहने वाले यह सब कई वर्षों से देख रहे हैं। उन्हें फिर चुनाव दर चुनाव के छलावे में रखना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार को कालोनियों को वैध घोषित कर तीन दिन में सभी को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देनी चाहिए।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि 5 साल पहले कच्ची कालोनियों का हाल बेहाल था। मैं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कच्ची कालोनियों में जाता था तो वहां रह रहे लोगों की परेशानी से रू ब रू होता था। मैंने तभी लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को नरकीय जीवन से बाहर निकाला जाएगा। पिछले 5 साल में कच्ची कालोनियों का कायापल्ट हुआ है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को पक्का करने और विकास के लिए काम तेज हुआ। अब १-२ माह से सुन रहा हूं कालोनियों को पक्का कराएंगे। मैं पूछता हूं, पांच साल में क्यों नहीं कराए। मैं पांच साल नाली, सड़क बनवा रहा था तब कहां थी केंद्र सरकार। पांच साल पहले केंद्र सरकार कहां थी, अब दो माह से कच्ची कालोनियां याद आ रही है। हमने कच्ची कालोनी में इतना काम हुआ कि भाजपा वोट मांगने लायक नहीं । इसी कारण उन्हे कच्ची कालोनियों की याद आ रहा है। लेकिन हमें इससे परेशानी नहीं है, हमें तो तुरंत रजिस्ट्री चाहिए। सीएम ने कहा हम जब कच्ची कालोनियों म़े खड़े होकर पानी सीवर का पाइप डलवा रहे थें, नाली और सड़के बनवा रहे थे, तब भाजपा कहां थी? दिल्ली की तो छोटी सरकार है, केंद्र सरकार तो बहुत बड़ी है, उसने क्यों नहीं काम किया। जब अरविंद केजरीवाल ने पांच साल में काम कराकर इन कालोनियों को बदला तो उन्हें इन कालोनियों की याद आ गई ;है।
सीएम केजरीवाल ने कहा हमने कच्ची को पक्का करने का दिल्ली में सरकार बनते ही प्रस्ताव भेजा। चार साल केंद्री सरकार सोती रही। हमने खुब पत्र लिखा, खुब दबाव बनाया। जिसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल लेकर आई। हमने सेटलाइट मैप 2015 में भेजा। उसे मानने से मना कर दिया। रजिस्ट्री न करानी पड़े इसके लिए फिजिकल पैमाइश मांगे। अब केद्री सराकर हमारी सेटलाइट पर ही रजिस्ट्री की बात कर रही है। सीएम ने कहा कि अगर यही करना था तो चार साल की देरी क्यों हुई। दो-तीन दिनों से कई अखबारों में कच्ची कॉलोनियों को ले कर छपी खबरों ने एक बात सामने आ रही है कि केंद्र सरकार की इस पूरे प्रक्रिया के अंत में, चुनाव से पहले सिर्फ 100 या 500 लोगों को रजिस्ट्री दिलवाई जाएगी। रजिस्ट्री दिलवाने का महज सांकेतिक काम किया जाएगा। भाजपा चुनाव के बाद ही अन्य लोगों को रजिस्ट्री देगी। इससे ये सवाल उठता है की ये 100 या 500 लोग कौन होंगे? और दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहनेवाले लाखों लोग जो रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं उनका क्या कसूर? उनको क्यों नहीं मिलनी चाहिए रजिस्ट्री? इससे ये साफ होता है की भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल रही है। कांग्रेस ने 2008 के चुनाव से ठीक पहले इसी तरह से प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थें। भाजपा सौ लोगों की रजिस्ट्री कराकर जनता के आंखों में धूल झोकने का काम करने जा रही है। इससे साफ है कि भाजपा की नियत खराब है। यह सिर्फ चुनावी दाव है। भाजपा लोगों की रजिस्ट्री कराना नहीं चाहती। वह लोगों को सिर्फ बेवकूफ बनाने में लगी है।

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