
आर्थिक विकास को सपॉर्ट के लिए पॉलिसी रेट में 0.25 फीसदी घटा सकता है आरबीआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) लड़खड़ाते अर्थिक विकास को सपॉर्ट करने के लिए पॉलिसी रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी प्वाइंट की कटौती कर सकता है। एक सर्वे में शामिल 21 प्रतिभागियों ने यह अनुमान लगाया है। पिछले शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी रही है, जो पिछले लगभग छह साल में सबसे कम है। आईसीआईसीआई बैंक के ग्लोबल मार्केट हेड बी प्रसन्ना ने कहा मेरे हिसाब से आरबीआई का पूरा ध्यान कुल मांग में आ रही गिरावट पर हो सकता है। रेट कट का फायदा बॉन्ड मार्केट तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि आगे भी रेट में कमी लाने की गाइडेंस दी जाए।
रेपो वह रेट होता है, जिस पर बैंक आरबीआई से नियर टर्म के लिए लोन लेते हैं और फिलहाल यह 5.15 फीसदी है। एचडीएफसी बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट अभीक बरुआ ने कहा, 'फोकस सिर्फ रेट कट करने पर नहीं, बल्कि इसका फायदा अंतिम छोर तक पहुंचाने पर होगा। ज्यादा फ्लोटिंग लोन रेट्स को बेंचमार्क रेट से लिंक करने की कवायद हो सकती है। मनी मार्केट के रेट भी पॉलिसी रेट में हो रही कटौती के हिसाब से घट रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक आरबीआई रेपो रेट 135 बेसिस प्वाइंट घटा चुका है, लेकिन जब से शक्तिकांत दास ने आरबीआईगवर्नर का पद संभाला है, तब से बैंकों के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 40 बेसिस प्वाइंट की मामूली कमी आई है। 100 बेसिस प्वाइंट 1 फीसदी प्वाइंट के बराबर होता है। बैंक ऑफ अमेरिका के इकनॉमिस्ट इंद्रनील सेन गुप्ता ने कहा कोर होलसेल इनफ्लेशन एडजस्टेड रियल लेंडिंग रेट में तेज उछाल आई है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक रेपो रेट में और कमी कर सकता है।