
एसबीआई के बाद एचडीएफसी ने कम की ब्याज दरें
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देकर ब्याज दरें घटाने की घोषणा की है। एचडीएफसी बैंक ने सभी अवधि के लिए एमसीएलआर दरें 0.15 फीसदी तक घटा दी हैं। इस कटौती के बाद बैंक के होम लोन, ऑटो लोन आदि सस्ते हो गए हैं। बता दें कि इसके पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई ) ने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी कटौती की घोषण की थी। 10 दिसंबर से एसबीआई का एक साल का एमसीएलआर अब 8 फीसदी से घटकर 7.90 फीसदी रह गया है। एसबीआई के ज्यादातर लोन एक साल के एमसीएलआर पर आधारित हैं।
वहीं एचडीएफसी बैंक ने एमसीएलआर पर आधारित लोन की दरें घटा दी हैं। अब हर महीने ईएमआई 0.15 फीसदी तक सस्ती हो गई है। यह दर 8.30 फीसदी से कम होकर 8.15 फीसदी पर आ गई है।वहीं, दो साल की दरें घटकर 8.25 फीसदी हो गई है। बता दें कि आरबीआई ने हालिया पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं घटाईं है। जबकि, इस साल अभी तक यानी 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2019 तक आरबीआई ब्याज दरों में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है।
बैंकों के एमसीएलआर में उसकी फंड की लागत दी होती है,जिस बैंक हर महीने घोषित करते हैं। बेहतर करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट डिपॉजिट होने की वजह से छोटे बैंकों के मुकाबले बड़े बैंकों का कम एमसीएलआर होता है। एमसीएलआर को इंटरनल बेंचमार्क माना जाता है क्योंकि कम लागत वाले फंड जुटाने के लिए बैंक की अपनी क्षमता एमसीएलआर में एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। कोई भी बैंक एमसीएलआर पर उधार देता है लेकिन इससे कम पर बैंक उधार नहीं दे सकताहै। होम लोन की ब्याज दरें या तो एमसीएलआर के बराबर होंगी या उससे ज्यादा होंगी। बैंकों के एमसीएलआर बढ़ने का मतलब है कि कर्ज लेने वाले को ज्यादा ईएमआई और ब्याज देना होगा।