
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें बेहतर होकर उभरीं
भारतीय हॉकी टीम के लिए साल 2019 अच्छा रहा और भविष्य के लिए कई उम्मीदें जगा गया। सबसे सकारात्मक बात यह रही की पुरुष और महिला दोनों ही टीमों ने आगामी ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया। भारतीय टीमों ने 2019 में अधिकतर अवसरों का लाभ उठाया। भारतीयों टीमों ने साल 2019 में अधिकतर द्विपक्षीय श्रृंखलाओं और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहीं ग्राहम रीड ने भारतीय सीनियर पुरुष टीम के कोच की जिम्मेदारी संभाली।
भारतीय पुरुष टीम ने 2019 की शुरुआत जून में भुवनेश्वर में एफआईएच सीरीज फाइनल्स से की जहां मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 5-1 से हराकर एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स में जगह बनायी। ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले भारतीय पुरुष टीम ने अगस्त में टोक्यो ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें मेजबान जापान, मलेशिया और न्यूजीलैंड की टीमें खेली थीं। भारतीय टीम ने फाइनल में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराकर खिताब जीता। इसके बाद भारतीय टीम यूरोप दौरे पर गयी जहां उसने विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ तीन और स्पेन के खिलाफ दो मैच खेले। रैंकिंग में भारतीय पुरुष टीम इस साल पांचवें स्थान पर बनी रही।
वहीं दूसरी ओर भारतीय महिला टीम भी पीछे नहीं रही। रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम भी साल भर रैंकिंग में नौवें स्थान पर बनी रही। उसकी दो खिलाड़ियों शर्मिला देवी और लालरेमसियामी को एफआईएच के वर्ष के उदीयमान खिलाड़ी के लिये नामांकित किया गया। वहीं मुख्य कोच सोर्ड मारिन ने कोच के तौर पर टीम को एक बेहतर इकाई के रुप में तैयार करने का प्रयास किया। महिला टीम ने मलेशिया और कोरिया दौरे से अच्छी शुरुआत की जहां उसने अपनी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर एफआईएच सीरीज फाइनल्स के लिये मनोबल हासिल किया। महिला टीम ने एफआईएच सीरीज फाइनल्स में उरूग्वे, पोलैंड, फिजी, चिली और मेजबान जापान को हराकर एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिये क्वालीफाई किया। इसके बाद ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता में उसने विश्व में नंबर दो आस्ट्रेलिया को बराबरी पर रोका तथा चीन और जापान को हराकर खिताब जीता।