
वेतन नहीं मैच जीतने पर है हमारा ध्यान : मंधाना
महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना का कहना है कि उनका और टीम की सभी क्रिकेटरों का ध्यान अभी मैच जीतने पर है वेतन पर नहीं। मंधाना का कहना है कि पुरुष क्रिकेटरों की अपेक्षा कम वेतन मिलने से वह परेशान नहीं हैं। उनका मानना है कि खेल में ज्यादा राजस्व पुरुष क्रिकेट के जरिए ही आता है। बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध के शीर्ष वर्ग में शामिल पुरुष क्रिकेटरों को वार्षिक वेतन के तौर पर सात करोड़ रुपये मिलते हैं जबकि शीर्ष वर्ग की महिला क्रिकेटरों को वार्षिक अधिकतम 50 लाख रुपये दिये जा रहे हैं। इस पर मंधाना ने कहा , ‘मुझे नहीं लगता कि टीम की कोई साथी इस अंतर के बारे में सोचती है क्योंकि फिलहाल हमारा ध्यान सिर्फ भारत के लिए मैच जीतने, दर्शकों को मैदान पर लाने, राजस्व जुटाने पर है। हमारा लक्ष्य यही है और अगर ऐसा होता है तो वेतन सहित सभी अन्य चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी।’ मंधाना ने कहा, ‘इसके लिए हमें प्रदर्शन करना होगा। हमारी तरफ से यह कहना सही नहीं होगा कि हमें समान वेतन की जरूरत है। मंधाना ने कहा कि भारतीय टीम पिछले एक साल से विश्व टी20 टूर्नामेंट को लेकर रणनीति बना रही है। टीम की सभी खिलाड़ी विश्व कप के लिए अपने को बेहतर करने के प्रयासों में लगी हैं।