
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कहा है कि भारत में नवंबर-दिसंबर में महिला और पुरुष एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आयेजन होगा। बीएफआई को उम्मीद है कि तब तक कोरोना महामारी पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। भारत ने पिछली बार पुरुष एशियाई चैंपियनशिप का आयोजन मुंबई में 1980 में किया था जबकि महिला चैंपियनशिप साल 2003 में हिसार में रखी गयी थी। वहीं गत वर्ष से टूर्नामेंट में पुरुष और महिला वर्ग के मुकाबलों का आयोजन एक साथ होने लगा है। बीएफआई के कार्यकारी निदेशक आरके सचेती ने कहा, ‘‘एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ की बैठक के बाद फरवरी में हमें मेजबानी का अधिकार दिया गया था। स टूर्नामेंट का आयोजन नवंबर-दिसंबर में किया जाएगा और चीजों के सामान्य होने के बाद मेजबान शहर पर फैसला होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह असाधारण स्थिति है पर हमें उम्मीद है कि जून तक इसे नियंत्रित कर लिया जाएगा। इसके बाद सामान्य गतिविधियों को शुरू करने में तीन से चार महीने लगेंगे।’’ इस प्रतियोगिता का आयोजन आम तौर पर दो साल में एक बार होता है पर पूर्व में यह लगातार वर्षों में भी आयोजित हो चुकी है। सचेती ने कहा, ‘‘बोली जनवरी में मांगी गई थी। कोविड-19 से जुड़ी स्थिति में थोड़ा सुधार होने के बाद एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ इसकी औपचारिक घोषणा करेगा।’’ सचेती ने कहा, ‘‘चैंपियनशिप के लिए हमने जो विंडो रखी है उससे हमें योजना बनाने के लिए समय मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अनुसार ओलंपिक क्वालीफिकेशन कार्यक्रम भी नवंबर-दिसंबर के आसपास शुरू होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर अन्य जगहों पर भी चीजें शुरू होती हैं तो फिर हम चैंपियनशिप का आयोजन कर सकते हैं। यही कारण है कि अब तक हमने मेजबान शहर का फैसला नहीं किया है। लाकडाउन खत्म होने तक हमें इस पर चर्चा के लिए इंतजार करना होगा।’’