
नई दिल्ली । कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक अगले साल तक के लिए स्थगित होने के बाद अब एक नया विवाद पैदा हो गया है। आईओसी ओर टोक्यो ओलिंपिक कमेटी के बीच यह विवाद पैसे को लेकर है। खेलों के स्थगित होने से दोनों ही कमेटी को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ है। ओलंपिक आयोजकों और आईओसी के बीच विवाद इसको लेकर है कि नुकसान की भरपाई कौन करेगा। टोक्यो ओलिंपिक के प्रवक्ता मासा तकाया ने कहा कि आयोजन समिति ने आईओसी से उसकी वेबसाइट से यह बयान हटाने को कहा है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे स्थगन का अधिकांश खर्च उठाने पर तैयार हो गए हैं। ओलिंपिक को सालभर के लिए स्थगित करने से छह अरब से ज्यादा का खर्चा बढ़ेगा। वहीं आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि टोक्यो खेलों के स्थगित होने के कारण इन खेलों में आईओसी की लागत कई करोड़ डॉलर तक बढ़ जाएगी। बाक ने कहा कि जापान में अनुमानों के मुताबिक ओलिंपिक के स्थगन के कारण इसकी कुल लागत दो से छह अरब डॉलर बढ़ जाएगी। इस संबंध में 2013 के समझौते के अनुसार आईओसी के हिस्से को छोड़कर सभी अतिरिक्त लागतों को जापान के द्वारा पूरा किया जाएगा। तकाया ने कहा,‘इस तरह प्रधानमंत्री के हवाले से बयान देना सही नहीं है।’ आईओसी ने लिखा है कि आबे इस बात को लेकर राजी हो गए हैं कि वह इस अतिरिक्त लागत को वहन करेंगे जबकि जापानी सरकार ने इसे खारिज कर दिया है।