
मुम्बई । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अब तदर्थ समिति के जरिये दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए)के कामकाज को संचालित करने की तैयारियां कर रहा है। बीसीसीआई ने पहले ही डीडीसीए के वार्षिक अनुदान को रोक दिया था। बीसीसीआई का मानना है कि जब तक डीडीसीए में कोई व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक कामकाज देखने के लिये एक तदर्थ समिति गठित करनी होगी। रजत शर्मा के त्यागपत्र देने के बाद से ही डीडीसीए में कोई अध्यक्ष नहीं है जबकि महासचिव विनोद तिहाड़ा सीमा शुल्क अधिनियम के कथित उल्लंघन के कारण जेल में हैं।
वहीं डीडीसीए की शीर्ष परिषद के अधिकतर सदस्यों को नवीनीकरण से जुड़े कुछ कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भागीदारी के कारण राज्य संस्था के लोकपाल ने निलंबित कर रखा है। इन आरोपों के अलावा आयु वर्ग से लेकर रणजी टीम तक चयन मामलों में समझौता करने के भी आरोप हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी डीडीसीए में अध्यक्ष नहीं है और सचिव जेल में है जो जमानत मिलने पर भी वापसी करके प्रशासन नहीं संभाल सकता है। जिस तरह से हमने राजस्थान में किया, हम तदर्थ समिति गठित कर सकते हैं जो क्रिकेट और प्रशासनिक दोनों मामलों को देखेगी। बीसीसीआई इसलिए भी तदर्थ समिति गठित करना चाहता ताकि ऐसी हालत नहीं आये जहां अदालत से नियुक्त प्रशासक को डीडीसीए का कामकाज देखना पड़े।