
दुबई । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) अब गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है। कोरोना संक्रमण की आशंका से आईसीसी खेल फिर शुरु होने पर यह कदम उठाने जा रही है। आमतौर पर मैच के दौरान तेज गेंदबाज लार और पसीने को गेंद पर लगाते हैं ताकि वह स्विंग कर सके। इस बारे में पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले की अगुवाई वाली एक आईसीसी समिति ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए हुई बैठक के बाद गेंद पर लार लगाने पर रोक की सिफारिश की है। इस समित ने एक बार फिर प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मैच में तटस्थ अंपायरों के नियम को वापस लाने की भी बात कही है। इस समिति ने कहा कि मौजूदा दौर में हम सभी असमान्य हालातों का सामना कर रहे हैं। इस समय समित की ये सभी सिफारिशें अंतरिम हैं, जिन्हें सभी की सेहत की सुरक्षा को देखते हुए दिया गया है ताकि क्रिकेट फिर शुरु होने के बाद सभ लोग पूरी तरह सुरक्षित रहे।
कुंबले ने कहा, 'गेंद की चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल, खासतौर से लाल गेंद फॉर्मेट में होता है, जिससे गेंद को स्विंग कराने में मदद मिलती है पर ऐसा करना वर्तमान हालातों में सेहत के लिए खतरा बन सकता है। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने भी अपने घरेलू क्रिकेट में लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। वहीं पिछले महीने से ही यह अनुमान लगाये जा रहे थे कि सुरक्षा मानकों के तहत आईसीसी गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगा देगी। गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक को अगर मान्यता मिलती है तो यह कहा जा सकता है कि यह क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत होगी। वहीं इस मामले में पूर्व क्रिकेटरों की अलग-अलग राय है कोई इसे सही मानना है तो किसी का मानना है कि इस बदलाव से खेल प्रभावित होगा, इसलिए सामान्य हालात होने पर ही खेल शुरु हों।