नई दिल्ली । भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को चंडीगढ़ में निधन हो गया। वह 95 साल के थे। वह काफी समय से बीमार से थे। दिल का दौरा पडऩे के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह 1948, 1952 और 1956 के ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा था। बलबीर भारतीय हॉकी के सुनहरे दिनों में खेले थे। बलबीर सिंह सीनियर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1947 में भारत के श्रीलंका दौरे पर किया। ओलिंपिक में अपने पहले ही मुकाबले में बलबीर ने लंदन में अर्जेंटीना के खिलाफ छह गोल किए। फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भी उन्होंने दमदार खेल दिखाया और दो गोल किए। यह आजाद भारत का पहला ओलिंपिक गोल्ड मेडल था। बलबीर सिंह ने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक में भारतीय दल की अगुआई की और ध्वजवाहक बने। भारत ने हेलसिंकी ओलिंपिक में कुल 13 गोल किए जिसमें से 9 अकेले बलबीर की स्टिक से निकले। इसमें ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हैट-ट्रिक भी शामिल थी। उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए। जो अभी तक ओलिंपिक फील्ड हॉकी फाइनल में एक रेकॉर्ड है। भारत ने मुकाबला 6-1 से जीता। बलबीर सिंह ने पंजाब स्टेट स्पोट्र्स काउंसिल और डायरेक्टर ऑफ स्पोट्र्स, पंजाब के सचिव के पद भी काम किया। 1992 में वह पंजाब सरकार से सेवानिवृत हुए। 1997 में उनकी आत्मकथा प्रकाशित हुई। इसका नाम द गोल्डन हैटट्रिक था।
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हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का निधन