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 आंकड़े भी बयां करते है कि सचिन को 'सूट' नहीं करता था पहली गेंद खेलना 

 आंकड़े भी बयां करते है कि सचिन को 'सूट' नहीं करता था पहली गेंद खेलना 

नई दिल्ली । क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को लेकर आमतौर पर टीका-टिप्पणी कम ही होती है ऐसे में  भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली का ताजा दिया गया एक बयान काफी चर्चा में है। मयंक अग्रवाल के साथ एक शो में गांगुली ने बताया कि सचिन क्यों पहली गेंद नहीं खेलते थे। गांगुली ने बताया कि इसके लिए सचिन के पास हमेशा जवाब होता था। आंकड़े बताते हैं कि सचिन ने कुल 463 मैचों में से 344 मैचों पारी की शुरुआत की है। इन मैचों में सचिन ने 15310 रन बनाए हैं। सचिन का करियर बल्लेबाजी औसत 44.83 का है जो सलामी बल्लेबाजी (1-2) करते समय 48.29 का हो जाता है। सचिन ने करियर में जो 49 वनडे शतक लगाए हैं उनमें से 45 पारी की शुरुआत करते हुए बने हैं। हालांकि अगर आप यह देखें कि पारी की पहली गेंद (1नंबर) पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन का बल्लेबाजी औसत काफी कम हो जाता है। यानी आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि सचिन को पहली गेंद का सामना करना 'सूट' नहीं करता। अब अगर यह देखें कि कब सचिन ने पारी की पहली गेंद खेली है तो यह आंकड़ा 49 मैच का होता है। इन 49 मैचों में सचिन ने 1625 रन बनाए हैं। उनका बल्लेबाजी औसत भी कम होकर 36.11 का हो जाता है। और तो और पारी की पहली गेंद खेलते हुए सचिन ने सिर्फ दो शतक लगाए हैं। इस पोजीशन पर उनका हाईएस्ट स्कोर 120 रन का रहा है। जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। इसके अलावा उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली थी। 295 मैच में जब सचिन ने पहली गेंद नहीं खेली यानी वह नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रहे हैं तो तब उनका बल्लेबाजी औसत 50.31 का हो जाता है जो उनके करियर औसत 44.83 से काफी ज्यादा है। सचिन ने सलामी बल्लेबाजी करते हुए 45 शतक लगाए हैं जिसमें से 43 पहली गेंद का सामना करते हुए नहीं बने हैं। इस दौरान सचिन ने 13685 रन बनाए हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ जब सचिन ने वर्ल्ड कप 2003 में 98 रनों की यादगार पारी खेली थी तब उन्होंने पारी की पहली गेंद ही खेली थी। हालांकि उन्होंने पहली गेंद पर ही छोर बदल लिया था। अग्रवाल ने गांगुली से पूछा था कि सचिन पाजी हमेशा आपको पहली गेंद खेलने के लिए कहते थे। इस पर गांगुली ने कहा, 'हमेशा। उन्होंने हमेशा ऐसा किया। उसके (सचिन) पास इसका जवाब भी होता था। मैं उन्हें कहता था कि कभी-कभार तुम भी पहली गेंद खेला करो। हमेशा मुझे ही पहली गेंद खेलने को कहते हो। उनके पास इसके दो जवाब होते थे।' गांगुली ने कहा, 'पहला जवाब होता था, 'मुझे लगता है कि मैं अच्छी फॉर्म में हूं और मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए।' वहीं अगर फॉर्म अच्छा न हो तो उनका दूसरा जवाब होता था, 'मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए, इससे मुझ पर प्रेशर कम होता है।' अच्छे या बुरे फॉर्म के लिए उनके पास एक ही जवाब होता था।' 
 

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