
नई दिल्ली | टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अपने करियर के सबसे कठिन दौर को याद करते हुए कहा है कि उन्हें टीम से निकालने में सिर्फ पूर्व कोच ग्रेग चैपल ही नहीं बल्कि पूरा सिस्टम शामिल था। गांगुली ने कहा कि उनसे कप्तानी छीनना अन्यायपूर्ण था क्योंकि वह जिम्बाब्वे दौरे से जीतकर लौटे थे।
इस पूर्व कप्तान ने कहा मैंने 2007 विश्व कप भारत के लिए जीतने का सपना देखा था जो पूरा नहीं हुआ।'
गांगुली ने कहा, 'मैं केवल कोच ग्रेग चैपल को इसका दोषी नहीं ठहराऊंगा। इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने ही यह सब शुरू किया था। उन्होंने मेरे खिलाफ बोर्ड को एक ई-मेल लिखा, जो लीक हो गया। टीम एक परिवार की तरह होती है। लोगों में मतभेद हो सकते हैं जिसे बातचीत से सुलझाया वहीं कोच को लगता है कि मुझे कुछ खास तरीके से खेलना चाहिए, तो उन्हें बताना चाहिये था।
गांगुली ने कहा कि कोई सिस्टम की सहयता के बिना किसी को कप्तानी से नहीं हटा सकता। इसमें सभी लोग शामिल थे। गांगुली ने कहा कि इसके बाद भी मैंने वापसी करते हुए 2006 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे किया। इस दौरान मैंने काफी रन बनाये और अपने करियर की कुछ अच्छी पारियां खेलीं।