
जोहानिसबर्ग । पूर्व क्रिकेटर एशवेल प्रिंस ने कहा है कि 2005 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दक्षिण अफ्रीकी टीम को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा था। इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा इसकी शिकायत के बाद भी दक्षिणी अफ्रीकी बोर्ड ने उन्हें खेल जारी रखने के लिए कहा जबकि खिलाड़ी बीच में ही दौरा छोड़कर स्वदेश लौटना चाहते थे। प्रिंस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 2005 में हममें से कई ने सीमारेखा के पास नस्लवादी टिप्पणियों का सामना किया था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लंच के समय जब हमने इस बारे में टीम कप्तान को बताया तो हमें कहा गया कि भीड़ में कुछ ही लोग ही ऐसे हैं, ज्यादा नहीं। चलो वापस (मैदान में) चलते हैं।’’ पर्थ में पहले टेस्ट के दौरान उनके अलावा पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एंटिनी और गार्नेट क्रुगर दक्षिण अफ्रीकी टीम में अश्वेत खिलाड़ी थे और उन्हें भी इन्हीं हालातों से गुजरना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका के लिए 66 टेस्ट, 52 एकदिवसीय और एक टी 20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले इस पूर्व क्रिकेटर ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन पर अपने विचार साझा करते हुए यह खुलासा किया। उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका की प्रणाली में कई कमियां है, ऐसा समाज और खेल दोनों में है। हमने खेलों में वापसी की और दुनिया से कहा कि हम वापस आये है पर कोई भी अश्वेत ऐसा नहीं है जो खेल सकता है, हम कुछ को अपने साथ लाये हैं।