
मुम्बई । पूर्व मुख्य राष्ट्रीय चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा है कि इस साल के अंत में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए 26 सदस्यीय भारतीय दल भेजा जाना चाहिये। प्रसाद के अनुसार ऑस्ट्रेलिया दौरे में टेस्ट श्रृंखला शुरू होने से पहले भारतीय टीम को 14 दिन के अनिवार्य पृथकवास की अवधि बितानी पड़ेगी। ऐसे में बीसीसीआई को वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की तरह ही बड़ी टीम भेजनी पड़ेगी। वेस्टइंडीज और पाक ने इंग्लैंड दौरे में 26 सदस्यीय दल भेजा है। प्रसाद के अनुसार अच्छा यही होगा कि कम से कम 26 सदस्यीय मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया भेजी जाये जहां भारत और ‘ए’ टीमों को एक महीने के लिये एक साथ रखा जा सकता है। इंग्लैंड में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिये पाकिस्तान 29 खिलाड़ियों टीम के साथ पहुंचा जबकि वेस्टइंडीज की टीम में 26 खिलाड़ी हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘इस दौरे में टीम प्रबंधन और अनुभवी खिलाड़ियों के पास युवाओं को देखने का मौका होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में, आप इन खिलाड़ियों पर नजर भी रख सकते हो जो भविष्य में विभिन्न स्थानों के लिये संभावित खिलाड़ी हो सकते हैं।’’ इस 26 खिलाड़ियों की टीम से तय होगा कि भारत को दो ग्रुप में विभाजित किया जा सकता है और पृथकवास समय के दौरान एक अभ्यास मैच आपस में ही खेला जा सकता है।
प्रसाद ने कहा, ‘‘कोविड के कारण हम नेट गेंदबाजों पर भरोसा नहीं कर सकते तो बड़े दल के साथ जाना सबसे बेहतर तरीका होगा क्योंकि इससे हम सभी खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं क्योंकि वे जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई किसी कारण से कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो इस दल में शामिल अन्ये खिलाड़ियों को चुना जा सकता है क्योंकि वे अनिवार्य पृथकवास समय बिता चुके होंगे।’’ प्रसाद का मानना है कि यह मुख्य टीम के लिये अच्छी तैयारी होगी क्योंकि पहली पसंद वाले बल्लेबाजों के पास गेंदबाजी अभ्यास के लिये कई गेंदबाज होंगे।