
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। उनके रिटायरमेंट की लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं। धोनी के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में अनबन सामने आ गई है। यह कहा जा रहा है कि धोनी में अब भी काफी क्रिकेट बचा था और वे अपने अनुभवों का फायदा भी टीम को दे सकते थे, मगर सौरभ गांगुली के बीसीसीआई की कमान संभालने के बाद चीजें तेजी से बदलीं। एक समय गांगुली को टीम से बाहर करने वाले धोनी के सामने ऐसी ही परिस्थितियां बन गईं। गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद धोनी के सामने टीम में वापसी की राह कठिन हो गई थी। वे जितने भी हाथ-पैर मारते, उनकी जगह असंभव थी। विश्वकप के बाद ही धोनी के संन्यास की अटकलें तेज हो गई थीं, मगर वे अपने फैसले को लगातार टालते रहे। वह इसलिए ताकि टीम में वापसी की राह आसान हो जाए। मगर ऐसा हो नहीं सका। अब वे आईपीएल खेलते रहेंगे। धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे हैं जिन्होंने अपनी अगुआई में भारत को सफलता की नई बुलंदियों पर पहुंचाया था। 2011 में विश्व कप के बाद धोनी ने साल 2013 में आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी टीम को दिलवाया। उनकी कप्तानी में भारत ने दो बार यानी साल 2010 और 2016 में एशिया कप खिताब भी जीता था। माही दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने आइसीसी के सारे खिताब अपनी कप्तानी में जीते।