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विराट की कप्तानी को खतरा नहीं पर अनुभवी खिलाड़ियों का कद बढ़ा 

विराट की कप्तानी को खतरा नहीं पर अनुभवी खिलाड़ियों का कद बढ़ा 

नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को मिली शानदार जीत के बाद भी टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को कोई खतरा नहीं है हालांकि कुछ लोगों ने कार्यवाहक कप्तानी आजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाने की मांग की है। इस जीत से भारतीय ड्रेसिंग रूम के हालातों में भी बदलाव आना तय है।  जिस प्रकार विपरीत हालातों में कुछ अनुभवी खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में युवाओं ने सीरीज जीती है। उससे टीम में अनुभवी खिलाड़ियों का प्रभाव भी बढ़ा है। विराट एक महीने के पितृत्व अवकाश के बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के जरिए टीम में वापसी करेंगे। जब कोहली ऑस्ट्रेलिया से रवाना हुए तब एडीलेड में 36 रन पर सिमटने से टीम दबाव में थी पर इसके बाद हालात तेजी से बदलते गये।  ऐसे में अनुभवी खिलाड़ियों रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, चेतेश्वर पुजारा और रहाणे का कद ड्रेसिंग रूम में बढ़ा है और उनकी बात को पहले से अधिक महत्व दिया जाने लगा है। अब टीम की अगली बैठक में इन चारों सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका भी बराबरी की रहेगी और कप्तान को उनकी राय गंभीरता से सुननी होगी।
विराट भले ही कप्तान होने के नाते सबसे आगे रहेंगे पर नेतृत्व समूह में अब इन सभी का कद बराबरी का होगा। ब्रिसबेन की जीत के बाद रहाणे से जब पूछा गया कि कोहली के लौटने के बाद फिर उपकप्तानी संभालने पर वह कैसा महसूस करेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं इन चीजों पर अधिक सोचना नहीं चाहता। अभी इस जीत का आनंद लेना है और भारत लौटने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बारे में सोचेंगे।’ रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा के बाद सबसे ज्यादा रन बनाकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कामयाब कप्तान के रूप में नाम दर्ज करा लिया। वहीं अश्विन ने तीन मैचों में 12 विकेट लिए और अनुभवी स्टीव स्मिथ को खुलकर खेलने ही नहीं दिया। अश्विन ने तब भी सीनियर खिलाड़ी की जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी जब युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को नस्लीय टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा था। अश्विन ने सिडनी में उस घटना के बाद कहा था, ‘जब सिराज ने हमें यह बताया तो मैंने, रोहित और अजिंक्य ने फैसला किया कि मैच रैफरी के पास इसकी शिकायत की जाए।’ पुजारा ने ब्रिसबेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के दिए प्रहार झेले और इसके बाद भी मैदान पर जमे रहे। यही वजह है कि कोच रवि शास्त्री ने उन्हें ‘योद्धा’ करार दिया। रोहित चार पारियों में से तीन में सहज दिखे और सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को उनकी मौजूदगी का काफी लाभ मिला। रोहित सीमित ओवरों के धुरंधर हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट की उनके लिए अहमियत का अनुमान इसी से हो जाता है कि दो टेस्ट खेलने के लिए वह सिडनी में कड़े क्वारंटीन में रहे। उन्होंने स्लिप में पांच कैच लपके और कई फैसलों में उनकी अहम भूमिका रही। 
 

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