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36 साल बाद कोच नम्बियार को मिला पद्मश्री 

36 साल बाद कोच नम्बियार को मिला पद्मश्री 

नई दिल्ली । उड़न परी के नाम से लोकप्रिय एथलीट पीटी ऊषा के कोच रहे ओवी माधवन नम्बियार को तीन दशक के बाद पद्मश्री सम्मान मिला  है। 89 वर्षीय नम्बियार को इस साल पद्मश्री देने की घोषणा की गयी है। नम्बियार सहित सात लोगों को खेल क्षेत्र से देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए चुना गया है। नम्बियार एथलेटिक्स में देश के पहले द्रोणाचार्य अवाड्री थे। ऊषा ने नम्बियार को पद्मश्री मिलने पर हार्दिक बधाई दी है। नम्बियार  ऊषा के 14 साल के करियर में उनके निजी कोच बने रहे हैं। नम्बियार को साल 1985 में कोचों के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया गया था लेकिन उसके 36 साल बाद अब जाकर उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया जा रहा है। 
नम्बियार का जन्म 1932 में हुआ था। वह 1955 में भारतीय वायु सेना से जुड़े थे जहां वह वायु सेना के डेकाथलन चैंपियन थे। वह वायु सेना एथलेटिक्स टीम के कोच भी बने। उन्हें 1976 में केरल की स्पोट्र्स डिवीजन में कोच नियुक्त किया गया। नम्बियार ने केरल के कन्नूर जिले स्पोट्र्स हॉस्टल में एक एथलेटिक इवेंट में पीटी ऊषा की प्रतिभा को उस पहचाना जब उसकी उम्र 15 साल थी। उसके बाद 14 वर्षों तक नम्बियार ही ऊषा के कोच रहे। ऊषा 1984 के लॉस एंजेलिस ओलम्पिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकंड के सौंवें हिस्से से पदक हासिल नहीं कर पायीं थीं। 
 

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