
टोक्यो । भारत की ओलंपिक में तीरंदाजी स्पर्धा में चुनौती पदक के बिना ही समाप्त हो गई, जब अतनु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से हार गए। दास पांचवें सेट में एक बार भी 10 स्कोर नहीं कर सके और आठ का स्कोर उन पर भारी पड़ गया। भारत को ओलंपिक में पदक ना दिला पाने पर दास ने देशवासियों से माफी मांगी हैं।दास ने ट्वीट करते हुए लिखा, क्षमा करें भारत, मैं इस ओलंपिक में गौरव (पदक) नहीं ला सका। हमें भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय तीरंदाजी और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट से अब तक शानदार समर्थन मिला है। हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए, और कुछ नहीं कहना है। जय हिंद। इसके साथ ही दास ने भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के टोक्यो ओलंपिक के तुरंत बाद चयन ट्रायल बुलाने से बहुत खुश नहीं हैं। अतनु ने कहा, 'ओलंपिक के तुरंत बाद आपको चयन परीक्षण के लिए बुलाया जाता है वे खेल विज्ञान के बारे में बात करते हैं। हम खेल विज्ञान जानते हैं।अतनु ने कहा कि हमारी कोई नहीं सुनता, ऊपर से आदेश आते हैं। लोग ओलंपिक में प्रदर्शन पर ध्यान देते हैं, लेकिन बहुत से लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में विश्व कप और अन्य आयोजनों में तीरंदाज क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, शायद हम ओलंपिक को बहुत गंभीरता से लेते हैं, शायद यह सिर्फ मेरा विचार या राय है। हम अपनी शूटिंग या कौशल का आनंद लेना भूल जाते हैं, हमने विश्व कप और अन्य प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है। भारतीय तीरंदाजी में केवल ओलंपिक नहीं है। मुझे लगता है कि यह है आपके सिर के अंदर दबाव, अत्यधिक दबाव है। हम इससे निपट रहे हैं।