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 खिताबी मुकाबले में आज सीएसके और केकेआर में रोमांचक जंग की उम्मीदें 

 खिताबी मुकाबले में आज सीएसके और केकेआर में रोमांचक जंग की उम्मीदें 

दुबई । इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 14 वें सत्र में शुक्रवार को खिताब के लिए चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) टीम का मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) से होगा। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की सीएसके जहां तीन बार की विजेता रही है, वहीं ईयोन मार्गन की केकेआर ने दो बार यह खिताब जीता है। धोनी के लिए आईपीएल का पिछला सत्र बेहद खराब रहा था, ऐसे में उनका लक्ष्य इस बार टीम को जीत दिलाना रहेगा। इस सत्र में सीएसके का प्रदर्शन शानदार रहा है जबकि केकेआर पहले चरण में खराब प्रदर्शन के बाद दूसरे चरण में लय में आई है। धोनी की टीम जहां सबसे पहले प्लेऑफ में पहुंची। वहीं केकेआर बड़ी मुश्किल से यहां पहुंची है। केकेआर ने अंतिम 4 मैचों में जमकर खेल दिखाते हुए फाइनल तक का सपफर तय किया है जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। 
खिताबी मुकाबले में वहीं टीम जीतेगी जो मुकाबले के दिन बेहतर खेलेगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो सीएसके की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं। टीम फाइनल में तो पहुंच गयी है पर उसका फाइनल का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। इस सत्र से पहले सीएसके टीम 8 बार फाइनल में पहुंची है और उसमें से उसे पांच बार हार झेलनी पड़ी है। ऐसे में उसपर इसका भी दबाव होगा। वहीं दूसरी ओर केकेआर के फाइनल में जीत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। टीम अब तक दो बार फाइनल में पहुंची है ओर उसने दोनो ही बार जीत दर्ज की है। इससे पहले केकेआर ने साल 2012 ओर साल 2014 में दो बार फाइनल में पहुंचकर खिताब जीता है। साल 2012 में उसने सीएसके को ही हराया था जबकि 2014 में किंग्स इलेवन पंजाब (पंजाब किंग्स) को शिकस्त दी थी। 
इस बार जिस तरह से उसने आरसीबी ओर दिल्ली कैपिटल्स को क्वालीफायर में हराकर केकेआर ने खिताबी मुकाबले में जगह बनायी है उससे धोनी की टीम पर दवाब पड़ना तया है। सीएसके इससे पहले 2019 में भी आईपीएल का फाइनल खेली थी पर तब उसे मुंबई इंडियंस ने हराया था। फाइनल तक पहुंचने की कला चेन्नई से बेहतर कोई टीम नहीं जानती है हालांकि केकेआर से उसे कड़ी चुनौती मिलेगी।
केकेआर ने 2012 में पहला खिताब जीता था जब दो गेंद बाकी रहते सीएसके के खिलाफ 190 रन का लक्ष्य हासिल किया था। इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स ने 20 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 190 रन बनाए थे। चेन्नई की तरफ से माइक हसी और मुरली विजय ने पहले विकेट के लिए 87 रनों की साझेदारी की। विजय 32 गेंद में 42 रन बनाकर रजत भाटिया का शिकार बने। तीसरे नंबर पर उतरे सुरेश रैना ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए 38 गेंदों में तीन चौके और 5 छक्के की मदद से 73 रनों की पारी खेली। दोनों खिलाड़ियों ने दूसरे विकेट लिए 73 रन जोड़े। हसी 43 गेंदों में 54 रनों की पारी खेलकर जैक कैलिस की गेंद पर बोल्ड हुए।
191 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी केकेआर की शुरुआत बेहद खराब रही। पहले ही ओवर में बेन हिल्फेनहास ने कप्तान गौतम गंभीर को बोल्ड कर केकेआर को बड़ा झटका दिया। हालांकि इसके बाद सलामी बल्लेबाज मलविंदर बिस्ला और कैलिस ने दूसरे विकेट लिए 82 गेंदो में 136 रनों की साझेदारी कर केकेआर की जीत सुनिश्चित की। बिस्ला ने 48 गेंदों में 8 चौके और पांच छक्के की मदद से 89 रनों की पारी खेली और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. दूसरी ओर कैलिस ने 49 गेंदों में सात चौके और एक छक्के की मदद से 69 रन बनाए।
इस मुकाबले में चेन्नई की तरफ से महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा, ड्वेन ब्रावो और सुरेश रैना ने हिस्सा लिया था। हालांकि इस बार फाइनल में रैना की खेलने की संभावना नहीं है और उनकी जगह रॉबिन उथप्पा खेलेंगे जिन्होंने क्वालिफायर में दिल्ली के खिलाफ शानदार अर्धशतक लगाया था।

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