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एमएमए में देश को पहचान दिलाना चाहती है ऋतु 

एमएमए में देश को पहचान दिलाना चाहती है ऋतु 


नई दिल्ली। महिला पहलवान ऋतु फोगाट ने कुश्ती छोड़कर मिक्स मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में आकर सबको हैरान कर दिया था। हालांकि अब समय के साथ ही उनका ये फैसला सही नजर आता है। ऋतु एमएमए के फाइनल तक पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। मिक्स मार्शल आर्ट्स में उनका अब तक का सफर शानदार रहा है। एमएमए में भी उन्होंने 9 बाउट में से सात जीते हैं। ऋतु का कहना है कि वह इस खेल में देश को नई पहचान दिलाना चाहती हैं। ऋत) ने अपने करियर की शुरुआत कुश्ती से की थी।  उन्होंने साल 2017 तक कई पहलवानों को परास्त किया। साल 2019 में ऋतु ने कुश्ती छोड़कर एमएमए की ओर रुख किया। विश्व में ऐसी कुछ ही महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक खेल छोड़ने के बाद दूसरे गेम में किस्मत आजमाईं है। ऋतु भी ऐसी ही हैं जिन्होंने पहले कुश्ती में शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाई। ऋतु ने फरवरी 2019 में एमएमए में प्रवेश किया। इसी साल उन्होंने वन चैंपियनशिप  में अपना पहला मुकाबला खेला। वह इस प्रतियोगिता के फाइनल तक पहुंची। साल 2016 में ऋतु ने सिंगापुर में आयोजित कॉमवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में 48 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उनकी सफलता का सफर यहीं नहीं रुका और साल 2017 में नई दिल्ली में एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। इसी साल पोलैंड में आयोजित विश्व अंडर 23 चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। वहीं, दो साल बाद फरवरी 2019 में उन्होंने कुश्ती को छोड़ दिया। 
 

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