YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

स्पोर्ट्स

मानसिक सेहत का भी ध्यान रखें खिलाड़ी : द्रविड़

 मानसिक सेहत का भी ध्यान रखें खिलाड़ी : द्रविड़

 मानसिक सेहत का भी ध्यान रखें खिलाड़ी : द्रविड़ 
एनसीए में पेशेवर सहायता की व्यवस्था कर रहे 
 भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि खेल के दौरान खिलाड़ियों को अतिउत्साह में न आकर अपनी मानसिक सेहत का भी ध्यान रखना चाहिये। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। द्रविड़ का मानना है कि क्रिकेट जैसे कठिन खेल में मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखना बड़ी चुनौती है और खिलाड़ियों को व्यस्त कार्यक्रम और अनिश्चित भविष्य के तनाव से निपटने के लिये पर्याप्त संतुलन बनाना चाहिये हालांकि द्रविड़ ने माना कि क्रिकेट से दूर रहकर तालमेल बिठाना आसान नहीं होता है। ग्लेन मैक्सवेल और युवा विल पुकोस्वस्की समेत तीन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर खेल से ब्रेक लेने को देखते हुए द्रविड़ का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा मानसिक तौर पर फिट बने रहना भी  बड़ी चुनौती है। क्रिकेट कठिन खेल है। इतनी प्रतिस्पर्धा और दबाव है और लड़के साल भर खेलते हैं। कई बार इस खेल में आपको इंतजार करना होता है और सोचने का काफी समय होता है।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक द्रविड़ ने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच युवा खिलाड़ियों को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिये। उन्होंने कहा कि आपको मैदान के भीतर और बाहर पर्याप्त संतुलन बनाये रखना जरूरी है। इसके लिए सही है कि सफलता मिलने पर बहुत उत्साहित न हों और नाकाम रहने पर निराश भी नहीं हो।
द्रविड़ ने कहा कि वह एनसीए में ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं कि जरूरत पड़ने पर खिलाड़ी को पेशेवर सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि अभी काम चल रहा है और ऐसा समय आयेगा जब जरूरत पड़ने पर हर खिलाड़ी को पेशेवर मदद मिल सकेगी। कई मामलों को कोच या हम हल नहीं कर सकते। ऐसे में पेशेवरों की मदद जरूरी होती है। 
इसके साथ ही इस पूर्व कप्तान ने आईपीएल में भारतीय कोचों को कम अवसर मिलने पर भी निराशा जताई है। 
द्रविड़ ने कहा कि उन्हें सहयोगी स्टाफ में नहीं लेकर टीमें गलती की जा रही है। द्रविड़ ने कहा कि भारतीय कोच किसी से कम नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमारे पास कुछ बेहतरीन कोच हैं। मुझे उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है। हमारे पास क्रिकेट में काफी प्रतिभा है और कोचों में भी।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उन्हें आत्मविश्वास देने की जरूरत है। मुझे दुख होता है कि हमारे कई कोचों को आईपीएल में सहायक कोच के रूप में काम करने का मौका नहीं मिलता।’


 

Related Posts