
नेहरू कप फाइनल में हिंसा में शामिल 11 खिलाड़ी और दो अधिकारी निलंबित
नेहरू कप हॉकी फाइनल में हुई हिंसा में शामिल 11 खिलाड़ियों और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। हॉकी इंडिया की अनुशासन समिति ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निलंबन की यह कार्रवाई की है। यह मामला पिछले माह हुए 56वें नेहरू कप के खिताबी मुकाबले का है जब फाइनल के दौरान पंजाब सशस्त्र पुलिस और पंजाब नैशनल बैंक के खिलाड़ी आपस में भिड़ गये थे। इस दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हाथापाई हुई थी और टर्फ पर ही दोनों टीमों के खिलाड़ी एक दूसरे पर हॉकी चलाने लगे। इस मामले में रिपोर्ट की समीक्षा करने और विडियो साक्ष्य देखने के बाद हॉकी इंडिया के उपाध्यक्ष भोला नाथ सिंह की अध्यक्षता में समिति ने सर्वसम्मति से पंजाब सशस्त्र पुलिस और पंजाब नैशनल बैंक के खिलाड़ियों को क्रमश: 12-18 महीने और 6-12 महीने के लिए निलंबित करने का फैसला किया। हॉकी इंडिया ने अपने एक बयान में कहा, 'समिति ने पंजाब सशस्त्र पुलिस के खिलाड़ियों हरदीप सिंह और जसकरन सिंह पर 18 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया, जबकि दुपिंदरदीप सिंह, जगमीत सिंह, सुखप्रीत सिंह, सरवनजीत सिंह और बलविंदर सिंह को हॉकी इंडिया / हॉकी इंडिया लीग की आचार संहिता के तहत स्तर तीन के अपराध के लिए 11 दिसंबर से 12 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।'
इसमें कहा गया, 'स्तर तीन के अपराध के लिए टीम मैनेजर अमित संधू को भी 18 महीने के लिए निलंबित किया गया है। यह भी सिफारिश की गई कि पंजाब पुलिस की टीम को तीन महीने के निलंबित किया जाए और टीम 10 मार्च 2020 से 9 जून 2020 तक अखिल भारतीय टूर्नामेंटों में नहीं खेल पाएगी।'
वहीं पंजाब नैशनल बैंक के खिलाड़ी सुखजीत सिंह, गुरसिमरन सिंह और सुमित टोप्पो को 12 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि टीम के कप्तान जसबीर सिंह को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है। टीम के मैनेजर सुशील कुमार दुबे को भी आचार संहिता और प्रतिबंधों का पालन करने में असफल रहने के कारण छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह भी सिफारिश की गई कि पंजाब नैशनल बैंक की टीम को तीन महीने के निलंबन के तहत रखा जाए और वह 11 दिसंबर से 10 मार्च तक किसी भी अखिल भारतीय टूर्नमेंट में खेलने की पात्र नहीं होगी।